


अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की जांच में ब्रिटेन और अमेरिका ने मदद की पेशकश की है। ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच ने भारत को जांच में मदद की पेशकश की है। ब्रिटेन की एएआईबी ने कहा है कि वे भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को मदद करेंगे। वे अपनी विशेषज्ञता से जांच में भाग लेंगे। वहीं भारत सरकार ने भी इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है। यह समिति विमानन सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए काम करेगी। जांच में ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनसे हादसे के कारणों का पता लगाने में मदद मिलती है।
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि दुखद घटना के बाद, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के नियमों के अनुसार जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, "अहमदाबाद में हुई दुखद घटना के बाद, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन द्वारा निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुरूप, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा औपचारिक जांच शुरू की गई है।" सरकार इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम बना रही है। यह टीम विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करेगी।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है, जो क्रैश में भी नष्ट नहीं होता?
जब कोई गंभीर विमान हादसा होता है, तो एक टीम तुरंत मौके पर भेजी जाती है। यह टीम ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) और CVR जैसी चीजों की जांच करती है। आमतौर पर, ऐसे मामलों की शुरुआती रिपोर्ट तीन महीने के अंदर आ जाती है। CVR विमान के कॉकपिट में होने वाली सभी आवाजों को रिकॉर्ड करता है। ब्लैक बॉक्स और CVR के डेटा को एनालाइज करने में लगभग 10-15 दिन लगते हैं। इसके बाद जांच एजेंसियां रिपोर्ट तैयार करती हैं, जिसमें हादसे के कारण और भविष्य में सुधार के सुझाव दिए जाते हैं।